नशे में धुत सिपाही ने नहर में पलटे ठेले, छोटे व्यापारियों ने कोतवाली में किया प्रदर्शन।

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बीती मंगलवार रात मेडिकल क्षेत्र की चौकी में तैनात पुलिसकर्मी गणेश जोशी द्वारा नशे की हालत में सुशीला तिवारी अस्पताल के पास लगे ठेले वालों से झगड़ा और गाली गलौज करते हुए उनका ठेला मय सामान नहर में फेंक दिए गए थे। इस घटना से ठेला संचालकों में कड़ा रोष व्याप्त है और वे पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर मुखर हो गए हैं और उन्होंने पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। आज सुबह ठेला-फड वेंडर्स कल्याण समिति से जुड़े तमाम ठेला संचालक कोतवाली पहुंचे और आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की..मीडिया से मुखातिब होते हुए तमाम ठेला संचालकों ने पुलिस के एक बड़े अधिकारी की शय पर इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिए जाने की बात कही है। उन्होंने साफ तौर पर सवाल दागा कि उस स्थान से अतिक्रमण के नाम पर सारे ठेले हटा दिए गए तो एक अन्य महिला का ठेला ही उक्त स्थान पर क्यों लगवा दिया गया? ..उस महिला के ठेले को आखिर क्यों संरक्षण प्रदान किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी के ऊपर किसी बड़े अधिकारी का दबाव है और वह ऐसी व्यवस्था को बिल्कुल नहीं मानेंगे।

ठेला संचालकों ने कहा कि पथ विक्रेता अधिनियम की धारा 29 में पथ विक्रेताओं को पुलिस और अन्य प्राधिकरणों के उत्पीड़न से संरक्षण देने की व्यवस्था है, इसमें अधिभावी अनुच्छेद की भी व्यवस्था है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे किसी भी कानून के अन्तर्गत प्राधिकारियों से उत्पीड़न के डर के बिना अपने कारोबार को कर सकें लेकिन पुलिस कि इस भेदभाव पूर्ण नीति के चलते संविधान अधिनियम नियमावली, उच्च न्यायालय के आदेश एवं कानून का सरेआम उल्लंघन किया जा रहा है उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि पुलिस इस मामले पर त्वरित कार्रवाई नहीं करती तो वे पुलिस के खिलाफ मोर्चा खेल देंगे। फिलहाल पुलिस इस मामले में केवल जांच करने की बात कहकर कन्नी काट रही है लेकिन इस ठेला संचालकों ने ठान लिया है कि वह अब न्याय के प्रति सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे।


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