संसद सत्रः जम्मू-कश्मीर बिल पर गृहमंत्री शाह का भाषण! बोले- गरीबों का दर्द जानते हैं पीएम मोदी, विपक्ष पर साधा निशाना

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नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। आज तीसरे दिन गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक उन सभी लोगों को न्याय दिलाने के लिए लाया गया है जिनकी 70 साल तक अनदेखी की गई और जिन्हें अपमानित किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसे नेता हैं जो गरीब और पिछड़ों का दर्द जानते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि करीब 46,631 परिवार और 1,57,967 लोग जम्मू कश्मीर से देशभर में विस्थापित होने को मजबूर हुए, उन्हें न्याय दिलाने के लिए सरकार विधेयक लाई है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर हमारा है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से हमारा 370 हटाना कई लोगों को खटक गया। अमित शाह ने कहा कि अगर वोट बैंक के बारे में सोचे बिना शुरुआत में ही आतंकवाद से निपटा जाता तो कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर नहीं जाना पड़ता। उन्होंने कहा कि मैं यहां जो विधेयक लेकर आया हूं वह उन लोगों को न्याय दिलाने और उनका अधिकार दिलाने से संबंधित है जिनके खिलाफ अन्याय हुआ, जिनका अपमान हुआ और जिनकी उपेक्षा की गई। किसी भी समाज में जो लोग वंचित हैं उन्हें आगे लाना चाहिए। यही भारत के संविधान की मूल भावना है। लेकिन उन्हें इस तरह से आगे लाना होगा जिससे उनका सम्मान कम न हो। अधिकार देना और सम्मानपूर्वक अधिकार देना दोनों में बहुत अंतर है। इसलिए इसका नाम कमजोर और वंचित वर्ग की बजाय अन्य पिछड़ा वर्ग किया जाना जरूरी है।


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