कर्नाटक में हिजाब के मुद्दे पर उठे विवाद के बीच राज्य सरकार ने हाई कोर्ट को बताया है कि उसके 5 फरवरी के आदेश में हेडस्कार्फ पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया, बल्कि केवल कॉलेज विकास समितियों को स्कूल की वर्दी तय करने की शक्तियाँ सौंप दीं हैं।
महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने एक पूर्ण पीठ को बताया कि उसने सीडीसी को स्कूल की वर्दी तय करने की शक्तियां सौंपी हैं, जिसमें स्थानीय विधायक भी शामिल हैं।
नवदगी ने कर्नाटक हाई कोर्ट में कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ राज्य का रुख बताता हूं कि जहां तक मामला शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक प्रतीकों के मुद्दों से संबंधित है, हम इस तरह के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं। 5 फरवरी, 2022 के आदेश में हमने हिजाब को प्रतिबंधित नहीं किया है। वास्तव में हमने सीडीसी के साथ-साथ निजी कॉलेज प्रबंधन पूर्ण स्वायत्तता दी है।
नवदगी ने तर्क दिया, यह कहना कि यह तर्कहीन है, सांप्रदायिक रंग देने वाला है और मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव करता है, बिल्कुल आधारहीन है। यह उनके अधिकारों को प्रभावित नहीं करता है। यह एक सहज आदेश है। सरकार ने यूनिफॉर्म का मुद्दा संस्थान पर छोड़ दिया है।