कोरोना के बाद मंकिपॉक्स का कहर, बेल्जियम में मरीजों को किया जा रहा क्वारंटीन

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कोरोना महामारी का डर अभी पूरे विश्व में बना हुआ है ऐसे में दुनिया पर मंकीपॉक्स वायरस का खतरा मंडराने लगा है। 1958 में पहल बार अस्तित्व में आये और 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एक बच्चे में पाए गए मामले का प्रसार ज्यादातर अफ़्रीकी देशों में ही होता था। लेकिन मौजूदा समय में ये बीमारी करीब 12 देशों तक पहुंच चुकी है जिनमे ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश भी शामिल है। यही नही बेल्जियम तो मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए क्वारंटीन अनिवार्य करने वाला पहला देश बन गया है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स एक वायरल ज़ूनोसिस है। एक बीमारी जो जानवरों से मनुष्यों में प्रसारित होने वाले वायरस के कारण होती है। इसमें चेचक के रोगियों के समान लक्षण होते हैं, लेकिन यह आमतौर पर चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर होता है। इसके लक्षणों की बात की जाय तो शरीर पर दाने, चकत्ते, बुखार और लिम्फ नोड्स में सूजन, मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के समान होते हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार मंकीपॉक्स, चेचक की तुलना में कम संक्रामक है, साथ ही यह गंभीर बीमारी नहीं है। साथ ही माना जा रहा है कि इसमे चेचक का टीका भी फायदेमंद हो सकता है।

 


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