बिग ब्रेकिंगः सुप्रीम कोर्ट ने कहा-भारत में पोते-पोतियों की बेहतर देखभाल दादा-दादी ही करते हैं! कोविड महामारी में अनाथ हुए बच्चे की कस्टडी दी, लिंक में पढ़ें पूरी खबर

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नई दिल्ली। भारतीय समाज में दादा-दादी ही हैं जो अपने पोते-पोतियों की बेहतर देखभाल करते हैं क्योंकि वे अपने पोते-पोतियों से भावनात्मक रूप से ज्यादा जुड़े होते हैं। यह बात आज सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में फैसला देने के दौरान कहीं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में आज पिछले साल कोविड में अनाथ हुए एक छह वर्षीय बच्चे की कस्टडी को लेकर सुनवाई चल रही थी। बताया जाता है कि इस बच्चे के पिता की पिछले साल 13 मई को और मां की 12 जून को कोविड की वजह से अहमदाबाद में मौत हो गई थी। बाद में गुजरात हाई कोर्ट ने उसकी कस्टडी उसकी मौसी को दे दी थी।
आज हाईकोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘हमारे समाज में दादा-दादी हमेशा अपने पोते-पोतियों की ज्यादा बेहतर देखभाल करते हैं क्योंकि वे अपने पोते-पोतियों से भावनात्मक रूप से ज्यादा जुड़े होते हैं। इसके अलावा नाबालिग बच्चे को दाहोद की तुलना में अहमदाबाद में ज्यादा बेहतर शिक्षा मिलेगी।’ पीठ ने कहा कि मौसी को बच्चे से उसकी सुविधा के अनुसार मिलने का अधिकार होगा। साथ ही कहा कि दादा-दादी को बच्चे की कस्टडी से इन्कार करने का आय एकमात्र कारण नहीं हो सकता।

 


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