यूपी में जल प्रलयः गंगा-यमुना के उफान ने बरपाया कहर! सड़कों पर मगरमच्छ, गलियों में किया जा रहा दाह संस्कार

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लखनऊ। यूपी में कुदरत का कहर लगातार बरप रहा है, यहां कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी में गंगा-यमुना उफान पर हैं, जिससे खासा नुकसान हो रहा है। नदियों के उफान में आने से जहां लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं वहीं दहशत का माहौल भी बना हुआ है। प्रयागराज में यमुना-गंगा दोनों खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। प्रयागराज में शनिवार सुबह गंगा से सटे सलोरी इलाके में मगरमच्छ सड़क पर आ गया। करीब 10 से 12 फीट लंबे मगरमच्छ को देखकर लोग डरकर छतों पर चढ़ गए। इलाके में सभी ने अपने दरवाजे बंद कर लिए। तुरंत पुलिस और वन विभाग को सूचना दी गयी। वन विभाग की टीम आई तो मगरमच्छ को पकड़ने में उनके पसीने छूट गए। काफी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकड़कर वापस गंगा में छोड़ा गया। वहीं वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 24 सेमी ऊपर है। मर्णिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पानी में डूब गए हैं। दाह संस्कार अब गलियों में हो रहा है। इस कारण दाह संस्कार में काफी वक्त लग रहा है। कानपुर में भी यमुना का जलस्तर बढ़ा है। घाटमपुर तहसील से गुजर रहीं यमुना नदी का पानी कई गांवों में अंदर तक घुस गया। यमुना में उफान के चलते कानपुर बांदा स्टेट हाईवे पर वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया है। कानपुर में यमुना नदी उफान पर है। घाटमपुर तहसील के यमुना किनारे के गांव पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। घाटमपुर तहसील के अमीरतेपुर, मोहटा, गड़ाथा और कई गांव टापू बन गए हैं। आलम यह है कि विद्यालय, शौचालय और घर डूबे हुए हैं। लोग जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं। मवेशियों को बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं।


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