गंगा से एकत्र गंदे पानी को साफ कर औद्योगिक इकाइयों को बेचने के साथ ही सरकार गंगा नदी की गाद से खाद बनाने के पर विचार कर रही है। इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और गंगा में रसायनों के जाने से भी रोका जा सकेगा। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि फास्फोरस और पोषक तत्वों से भरपूर गंगा का ट्रीटेट जल फसलों के लिए बहुत फायदेमंद है।
अशोक कुमार ने कहा कि हमने पाया है कि गाद को ट्रीट कर खाद की तरह बनाया जा सकता है। अब गंगा की गाद को रासायनिक खाद के विकल्प के तौर पर तैयार करने पर विचार किया जा रहा है और पिछले दो हफ्ते में इसको लेकर कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। गाद से तैयार खाद रियायती दरों पर किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।