नई दिल्ली: भारत के 3 उत्तर-पूर्वी राज्यों त्रिपुरा, नागालौंड और मेघालय में विधानसभा चुनाव परिणामों की स्थिति अब लगभग साफ हो गई है. त्रिपुरा में भाजपा लगभग सत्ता में वापसी करने जा रही है. निर्वाचन आयोग के ताजा रुझानों के मुताबिक त्रिपुरा भाजपा 33 सीटों पर आगे चल रही है. कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन 16 सीटों पर सिमटता दिख रहा है. पहली बार चुनाव लड़ रही टिपरा मोथा पार्टी ने ट्राइबल इलाकों में भाजपा का काफी नुकसान किया है और उसके 11 उम्मीदवार अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त बनाए हुए हैं. मुख्यमंत्री माणिक साहा ने भी टाउन बोरडोवली सीट से जीत दर्ज कर ली है. उन्होंने राज्य के चुनाव परिणामों पर कहा, ‘हमने पहले भी कहा था कि बीजेपी एक बार फिर बहुमत से सरकार बनाएगी और अब तक के नतीजे बता रहे हैं कि हम सरकार बना रहे हैं. मैं पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह और सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम अधिक सीटों की उम्मीद कर रहे थे और चुनाव के बाद विश्लेषण करेंगे कि ऐसा क्यों नहीं हुआ. मैं (विजयी) प्रमाणपत्र लेने जा रहा हूं. केंद्रीय नेतृत्व से विचार-विमर्श के बाद शपथ ग्रहण समारोह की तारीख तय की जाएगी.’
नगालैंड में निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार भाजपा उसकी अलायंस पार्टनर नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी फिर से सरकार बना रहे हैं. यहां भाजपा और एनडीपीपी 38 सीटों पर आगे चल रही है. अन्य 14 सीटों पर आगे हैं. कॉनरॉड संगमा की पार्टी एनपीपी 4 और एनपीएफ 3 सीटों पर आगे है. कांग्रेस सिर्फ 1 सीट पर आगे है. मेघालया में कॉनरॉड संगमा की एनपीपी 28 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है. वह बहुमत के आंकड़े से 3 सीट दूर है. यहां अन्य 17 सीटों पर आगे हैं, जिनमें कुछ छोटी स्थानीय पार्टियां शामिल हैं. मतगणना के शुरुआती कुछ घंटों में 22 सीटों पर लीड लेकर बड़े उलटफेर की संभावना को जन्म देने वाली टीएमसी अब सिर्फ 6 सीटों पर सिमटती दिख रही है. मेघालय में कांग्रेस और भाजपा 4 4 सीटों पर लीड कर रहे हैं. त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय चुनाव के परिणामों पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भाजपा जिस तरह से उत्तर पूर्व में जीत प्राप्त कर रहे हैं उसका एक कारण है कि मोदी जी ने जितना काम किया है वो लोगों तक पहुंच रहा है. चुनाव जीत रहे हैं तो इसका मतलब है कि हम लोगों का विश्वास प्राप्त कर रहे हैं.
#WATCH | Celebrations begin at Meghalaya CM and National People's Party (NPP) chief Conrad Sangma's residence in Shillong.
As per official EC trends, the party has won 6 and is leading on 19 of the total 59 seats in fray. #MeghalayaElections2023 pic.twitter.com/suFhQPB0Fz
— ANI (@ANI) March 2, 2023
नगालैंड में मतगणना गुरुवार सुबह आठ डाक मतपत्रों की गिनती के साथ शुरू हुई. नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसवि पार्टी (एनडीपीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया था. एनडीपीपी ने 40, जबकि भाजपा ने 20 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे. वहीं, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने 22 सीट पर चुनाव लड़ा था. वर्ष 2003 तक राज्य पर राज करने वाली कांग्रेस ने 23 सीट पर किस्मत आजमाई. वर्तमान विधानसभा में उसका कोई सदस्य नहीं है. त्रिपुरा में एक चरण में 16 फरवरी को मतदान संपन्न हुए थे, जबकि मेघालय और नगालैंड में 27 फरवरी को वोट पड़े थे. तीनों ही राज्यों में विधानसभा सीटों की संख्या 60 है. उपरोक्त तीन राज्यों में त्रिपुरा ऐसा है जिस पर राष्ट्रीय स्तर पर सबकी निगाहे थीं, क्योंकि वैचारिक रूप से यहां जीत दर्ज करना भाजपा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा था. भाजपा का प्रदर्शन महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि क्योंकि पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों कांग्रेस और वाम दलों ने राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में भाजपा को चुनौती देने के लिए पहली बार हाथ मिलाया था. राष्ट्रीय दलों के बीच इस लड़ाई में प्रद्योत देबबर्मा के नेतृत्व वाला तीपरा मोथा भी है जो एक प्रदेश की राजनीति में एक प्रभावी ताकत के रूप में उभरी है. जनजातीय आबादी के एक बड़े हिस्से के बीच इसके प्रभाव ने पारंपरिक पार्टियों को परेशान किया है.