देश के कई राज्यों में सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम चल रहा है। इसमें जनता की समस्याओं को सुनने के साथ ही उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे लेना है ये बताया जाता है। लेकिन देहरादून जिले के विकासनगर इलाके में अफसर इस उपयोगी कार्यक्रम को हल्के में ले रहे हैं। देहरादून की पानुवां ग्राम पंचायत में आयोजित सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम में कई विभाग पहुंचे ही नहीं तो कई विभागों के अफसर गायब रहे। ऐसे में जनता ने नाराजगी पत्र सेक्टर प्रभारी को सौंपा।
देहरादून के ग्राम पंचायत पानुवां में सरकार द्वारा चलाए जा रहे सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम को विभागीय अधिकारी पलीता लगा रहे हैं। इस कार्यक्रम में सक्षम अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी समस्या सुनने अधिकारी नहीं आ रहे हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है या नहीं इसको लेकर सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विकासखंड कालसी के न्याय पंचायत उद्पालटा के ग्राम पानुवां में सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम में कई विभागों के अफसर अनुपस्थित रहे। कई विभागों के सक्षम अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई। मौजूद विभाग के कर्मचारियों ने अपने अपने विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी भी दी। सेक्टर प्रभारी द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं को प्रमुखता से सुना गया। समस्याओं के निदान के लिए मौके पर कई विभाग नदारद रहे। जबकि सक्षम अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर कई समस्याओं के निदान के लिए कई विभागों के कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं थे। सबसे ज्यादा समस्याएं ग्रमीणों की स्वास्थ्य, सिचाई, पेयजल सड़क से जुड़ी होने के कारण मौके पर समस्याओं का निदान नहीं हो सका। ग्रामीणों द्वारा सेक्टर प्रभारियों को ग्रामीणों की समस्याओं से जुड़े प्रार्थना पत्र भी सौंपे गए। सभी उपस्थित ग्रामीणों द्वारा सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम में नाराजगी भरा पत्र भी सौंपा। स्थानीय ग्रामीण कुंदन सिंह ने कहा कि सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत कुछ विभाग के अधिकारी मौजूद ही नहीं हैं। कुछ विभागों के सक्षम अधिकारी नहीं हैं। ऐसे में जनता की समस्याओं का निदान कैसे होगा। जबकि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का ग्रामीणों को पता नहीं है कौन कौन सी योजनाएं चल रही हैं। किन योजनाओं से ग्रामीण समुदायों को लाभ मिलेगा। सभी ग्रमीणों द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई है और इस संबंध में एक पत्र सेक्टर प्रभारी को भी सौंपा गया है। ताकि जब भी इस तरह के कार्यक्रम हों तो 25 विभागों में से कम से कम 18 से 20 विभागों की उपस्थिति दर्ज हो सके। जिससे सरकार का उद्देश्य सरकार जनता के द्वार पूरा हो।