उत्तराखण्डः डबल इंजन की सरकार में जीरों टालरेंस के दावों की खुली पोल, यहां ग्रामीणों ने प्रधान पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप!

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चंपावत। भारत मे सत्तावान योजनाकार देश की ऊंची विकास दर का हवाला देकर देश की गुलाबी और खूबसूरत तस्वीर पेश करते है,लेकिन वास्तविकता को नजरअंदाज कर ठीक वही करते है जैसे कोई अपनी गम्भीर बीमारी छुपाता है और वक्त निकल जाने पर बीमारी हद से ज़्यादा बढ़ चुकी होती है। ठीक ऐसा ही भारत में कई राज्यो,शहरों, गांवों में होता है जहां भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। मोदी सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती हो लेकिन उत्तराखंड में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नही ले रहा। चंपावत जिले के ग्राम सभा छीनिगोठ मे सरकारी पैसे की ऐसी बंदरबांट हुई है कि गांव के लोग प्रधान के खिलाफ हो गए है सरकारी तंत्र पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट रहा है।यहां विकास दूर दूर तक नज़र नही आता आप खुद तस्वीरों में देख लीजिए। ग्रामीणों ने बताया कि इस रास्ते के लिए करीब 87 हज़ार रुपये आवंटित हुए थे लेकिन यहाँ 50 रूपये तक का काम नही हुआ,एक बिल्ली तक इस रास्ते से नही निकल सकती क्योंकि आगे झाड़ियां झाड़ियां फैली पड़ी है।

ग्रामीणों का कहना है कि यहां से झाड़ियां ही हटा देते हमे तब भी संतुष्टि मिल जाती। यहां सरकार द्वारा ग्राम सभा मे स्वच्छता के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई गई जिसके तहत ग्राम सभा को सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है लेकिन वो आर्थिक मदद ग्रामीणों तक पहुंचती ही नही। आवासीय योजना के तहत भी अभी तक ग्रामीण आवासों से वंचित है। लेकिन उससे दस मीटर की दूरी पर ही सुविधा सम्पन्न व्यक्ति को सांठगांठ कर सरकारी योजना के तहत आवास उपलबध कराया गया है। भारतीय सेना के जवान की बूढ़ी माँ टूटी फूटी झोपड़ी में रहने को मजबूर है। गांव में पानी का हैंडपंप भी चरमराई व्यवस्था की दास्तां सुनाता नज़र आ रहा है। प्रधान ने सरकारी हैंडपंप 10 मीटर की दूरी में पहले से था लेकिन प्रधान ने अपने घर पर सरकारी हैंडपंप लगाया,जिसे व्यक्तिगत रूप से प्रधान का परिवार इस्तेमाल कर रहा है। ग्राम पंचायत जो कि गांव की पहचान होता है उसकी जर्जर हालत आप खुद तस्वीरों में देखिए।

टूटी फूटी कुर्सी मकड़ी के जाले लगे कमरे में पड़ी हुई है। शौचालय की हालत बद से बदतर हो चुकी है जबकि पंचायत भवन के आगे काफी बड़ी भूमि खाली पड़ी है विकास के नाम पर प्रधान ने पंचायत भवन तक ठीक नही किया तो गांव का विकास तो क्या किया होगा।

ग्रामीणों ने कहा कि हमसे प्रधान ने 200 रुपये लिए लेकिन अभी तक न तो हमे आवास मिल सका न ही शौचालय। प्रधान की ओर से कहा जाता है पूर्व प्रधान से बात करो जबकि हमारी प्रधान पूजा जोशी है जवाबदेही उन्ही की है कि सरकार द्वारा गांव के विकास के लिए आया पैसा कहां गया। ग्रामीणों ने कहा कि प्रधान ने सार्वजनिक शौचालय सार्वजनिक स्थान की बजाय अपने घर पर अपने व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए बनाया जो कि ग्रामीणों के साथ छल किया जैसा है। सिद्धबाबा मंदिर के पास से गुजरने वाली सीसी रोड पर नाले की बलुवी मिट्टी पूरी तरह उखड़ चुकी है कई बार निवेदन करने पर भी प्रधान नही सुनती। ग्रामीणों ने बताया कि पुरुषोत्तम पांडे के घर से पुराना ईंट का खँडजा था जिसे प्रधान द्वारा निकलवा कर ईंटे अपने घर की बुनियाद और सार्वजनिक शौचालय में लगाई गई लेकिन उस शौचालय की हालत भी खस्ता है क्योंकि उसमे पक्के रास्ते को कच्चा कर दिया गया और नाले की बलुवी मिट्टी से कंक्रीट किया गया जो कि अब उखड़ भी चुकी है। ग्रामीणों ने ये भी बताया कि गांव में समस्त मनरेगा और वित्तीय विकास कार्यो में ग्राम प्रधान पूजा जोशी द्वारा धांधली की गई है। शौचालय का पैसा सीधे लाभार्थियों के खाते में जाना चाहिए लाभार्थियों के खाते में पैसा नही आता। ये पैसा भी प्रधान की जेब मे जाता है। प्रधान द्वारा सरकारी योजनाओं और स्वच्छ भारत अभियान पर पलीता लगाया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि हमारे गांव में विकास हुआ ही नही है बल्कि विकास तो केवल प्रधान पूजा जोशी के घर पर ही हुआ है। ऐसा लगता है जैसे हमारे साथ छल किया जा रहा है और हमारी कोई सुनने वाला नही है।

आपको बता दें चंपावत जिले के ग्राम सभा छीनिगोठ मे सभासदों द्वारा उपप्रधान और जिला प्रशासन को विकास कार्यो की जांच से संबंधित पूर्व में दिए गए ज्ञापन के बाद आज विकास कार्यो की जांच के लिए प्रशासन द्वारा टीम भेजी गई । टीम द्वारा शीघ्र ही जांच रिपोर्ट तैयार कर सभी के सामने प्रस्तुत की जायेगी। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रधान के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया। अधिकतर ग्रामीण प्रधान के कार्यों से असंतुष्ट दिखाई दी। ग्रामीणों का कहना है कि आज टीम द्वारा जांच की गई है अगर निष्पक्ष जांच रिपोर्ट सामने नही आई तो इसके लिए हम उच्च स्तरीय जांच के लिए जिलाधिकारी के पास एक शिष्टमंडल लेकर जाएंगे। उनका ये भी कहना है कि ग्राम सभा मे हम किसी भी प्रकार का कोई भ्रष्टाचार नही होने देंगे। अब तक जो भी भ्रष्टाचार ग्राम सभा मे हुआ है उसका खुलासा होना चाहिए और भ्रष्टाचार में लिप्त जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों पर कार्यवाही होनी चाहिए।


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