अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठेंगे सचिन पायलट, बीजेपी ने ली चुटकी

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जयपुर. राजस्थान कांग्रेस एकबार फिर सियासी घमासान देखने को मिल सकता है. बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच की मांग को लेकर कांग्रेस के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने 11 अप्रैल को राज्य में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला किया है. रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कहा कि उन्होंने ‘सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से पिछली वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ आरोपों पर कार्रवाई करने की अपील की. मगर उनकी ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है.’

सचिन पायलट ने कहा कि उन्होंने और गहलोत ने वसुंधरा राजे की सरकार के खिलाफ उन आरोपों को एक साथ लगाया था. पायलट ने कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन राज्य अध्यक्ष के रूप में मैंने कुछ आरोप लगाए थे. मैं बदले की राजनीति में भरोसा नहीं करता. मगर विपक्ष के रूप में हमारी कुछ विश्वसनीयता थी और इसीलिए हम सत्ता में आए.’ सचिन पायलट ने कहा कि ‘राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के अपनी बात पर कायम रहते हुए मैं 11 अप्रैल को एक दिन की भूख हड़ताल करूंगा. ताकि जनता को यह महसूस न हो कि हम कोई काम नहीं कर रहे हैं या हमने अपने कोई वादे पूरा नहीं किए हैं.’

बीजेपी ने ली चुटकी
कांग्रेस नेताओं सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच का झगड़ा जगजाहिर है. इसका एक बहुत खराब दौर भी गुजरा है, जब सीएम गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पायलट पर 2020 में उनकी सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया. तब से राजस्थान कांग्रेस में कभी न खत्म होने वाले पायलट और गहलोत के झगड़े के कई राउंड देखे जा चुके हैं. सचिन पायलट की इस घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया और ट्विटर पर लिखा कि ‘भारत पहले से ही एकजुट है लेकिन कांग्रेस टुकड़े-टुकड़े-टूटी फूटी है.’

गहलोत ने कहा- होते रहते हैं छोटे मतभेद
अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान से राजस्थान कांग्रेस में दरार इस साल जनवरी में भी दिखी थी. जब सचिन पायलट ने बयान दिया था कि प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उनके नेतृत्व में 2018 में पार्टी की राज्य में सत्ता में वापसी हुई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि पार्टी की जीत का कारण उनकी पिछली सरकार द्वारा किए गए काम हैं. इस बीच राज्य में पार्टी में एकता दिखाने की कोशिश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले महीने सचिन पायलट के साथ मतभेद की बातों को खारिज करते हुए कहा कि ‘जैसे और सभी पार्टियों में होते हैं, वैसे ही कांग्रेस में भी छोटे मतभेद होते रहते हैं.’ गहलोत ने कहा था कि कांग्रेस में नेता मिलकर चुनाव लड़ते हैं और जीतते हैं और आने वाले चुनावों में भी ऐसा करेंगे. गौरतलब है कि राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.

 


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