उत्तराखंड: मगरमच्छों का निवाला बन रहे लोग, वन विभाग ने 40 से अधिक किए रेस्क्यू

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उत्तराखंड के कई नदी नालों में विशालकाय मगरमच्छ ढेरा डाले हुए हैं। जानकारी के अभाव में लोग इनका शिकार बन रहे हैं। इसी कड़ी में वन विभाग मगरमच्छों को लेकर शाइन बोर्ड और जागरूकता अभियान चलाने जा रहा है। जिससे लोगों को समय रहते इनके हमलों से बचाया जा सके।

तराई पूर्वी वन प्रभाग प्रभाग में मगरमच्छों के हमले लगातार सामने आ रहे हैं। मगरमच्छों की बढ़ती संख्या के साथ मानव वन्यजीव संघर्ष भी बढ़ रही हैं। वन प्रभाग अंतर्गत कई नाले और नदियां हैं, जिसमें भारी संख्या में मगरमच्छ हैं। ऐसे में वन विभाग अब मगरमच्छ वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां पर साइन बोर्ड के माध्यम से लोगों को जागरूक करने जा रहा है। जिससे मगरमच्छों की जानकारी लोगों को मिल सके। तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बागड़ी ने बताया कि सितारगंज क्षेत्र के नानकमत्ता सागर से लगे नालों और नदियों में मगरमच्छों का आवास स्थल है। लोग मवेशियों को चारा लेने जंगलों में जाते हैं, लेकिन जानकारी नहीं होने के चलते कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने बताया कि पिछले दो महीना में तीन घटनाएं सामने आई हैं, जहां मगरमच्छों ने तीन लोगों को अपना निवाला बनाया है। जबकि पूर्व में भी कई घटनाएं घटित हो चुकी हैं। बरसात के चलते कई मगरमच्छ आबादी वाले इलाके में भी पहुंच चुके हैं। जहां अलग-अलग जगहों से इस वर्ष 40 से अधिक मगरमच्छों को रेस्क्यू किया गया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण कई बार जंगलों में जाते हैं। लेकिन उनको जानकारी नहीं होती है कि नालों और नदियों में मगरमच्छ हैं। जिसके चलते घटनाएं सामने आती हैं। अब वन विभाग इन नदियों और नालों के आसपास रहने वाले लोगों को जागरूक करने जा रहा है। साथ ही जगह-जगह साइन बोर्ड के माध्यम से लोगों को बताया जाएगा कि इस क्षेत्र में मगरमच्छ रहते हैं। इसके अलावा डिवीजन अंतर्गत नालों और नदियों में कितने मगरमच्छ हैं, इसकी भी गणना की जाएगी. जिसके लिए शासन से अनुमति मांगी गई है।

 


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