हथियारों के वैश्विक व्यापार में बड़ी भूमिका निभाने के मकसद से चीन ने शुरू किया हवाई शो, शामिल किये नवीनतम पीढ़ी के लड़ाकू जेट और विमान

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08/11/2022,बीजिंग: हथियारों के वैश्विक व्यापार में बड़ी भूमिका निभाने, ‘बोइंग’ और ‘एयरबस’ के साथ प्रतिस्पर्धा करने के मकसद से चीन मंगलवार से शुरू हुए हवाई शो में नवीनतम पीढ़ी के लड़ाकू जेट और विमान प्रदर्शित कर रहा है. वर्तमान में चीन दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक है और एक विस्तारित घरेलू उद्योग द्वारा इसे रूस पर अपनी पूर्व निर्भरता कम करने का अवसर प्राप्त हुआ है. अलग-अलग देशों से समर्थन मिलने के कारण चीन अब ड्रोन, युद्धक विमानों और मिसाइल रक्षा प्रणालियों के साथ-साथ इसके प्रमुख, शीत युद्ध-युग के जमीनी हथियार और गोला-बारूद बेचने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहा है.

मंगलवार से शुरू हुए इस प्रदर्शन में सैन्य विमानों में जे-20 स्टील्थ फाइटर और यू -20 हवाई टैंकर शामिल हैं. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, 2017 और 2021 के बीच, चीन का कुल वैश्विक हथियारों के निर्यात में 4.6 प्रतिशत हिस्सा था, जो अमेरिका, रूस और फ्रांस से चौथे स्थान पर था. चीन से हथियारों के निर्यात का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान को जाता था, जो लंबे समय से सहयोगी रहा है.

चीन का सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि यह एयर शो चीन की घरेलू डिफेंस इंडस्ट्री को मजबूत करेगा. चीन की एविएशन इंडस्ट्री कॉर्प के जनरल मैनेजर और सरकारी हथियार निर्माता कंपनियों के प्रवक्ता झोउ गुओकियांग ने बताया है कि उनकी कंपनी इस एयर शो में 150 लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन, मिसाइल और दूसरे हथियारों को प्रदर्शित कर रही है. उन्होंने बताया कि इनमें से 40 फीसदी हथियारों को दुनिया पहली बार देखने जा रही है. इसमें एजी-600 सी प्लेन का प्रोटोटाइप भी प्रदर्शित करने की योजना है. दुनिया के बेहद कम देशों के पास ही इतने बड़े आकार वाले सी प्लेन मौजूद हैं.


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