ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-II को याद कर भावुक हुए बेटे प्रिंस चार्ल्स

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ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-II के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स नए किंग बन गए हैं। अब उन्हें किंग चार्ल्स-III के नाम से जाना जाएगा। बतौर राजा वे 9 सितंबर को पहली बार बकिंघम पैलेस पहंचे। शुक्रवार शाम को देश के नाम अपने पहले संबोधन में कहा कि वे महारानी की तरह ही पूरी निष्ठा और प्रेम के साथ लोगों की सेवा करेंगे।

अपनी मां के नाम एक आखिरी संदेश देते हुए किंग चार्ल्स III काफी भावुक नजर आए। उन्होंने कहा- मेरी प्यारी मां मेरे और परिवार के लिए इंस्पिरेशन थीं। 1947 में मेरी मां ने अपने 21वें जन्मदिन पर एक प्रण लिया था। वे पूरी जिंदगी सिर्फ लोगों की सेवा करना चाहती थीं। ये एक वादे से ज्यादा लोगों के लिए किया गया कमिटमेंट था जिसे उन्होंने पूरी जिंदगी निभाया।

अपने दोनों बेटों का जिक्र किया
किंग चार्ल्स ने कहा- अब मेरा बेटा विलियम मेरा उत्तराधिकारी होगा। विलियम और उनकी पत्नी केट प्रिंस एंड प्रिंसेस ऑफ वेल्स होंगे। अपने संबोधन में उन्होंने दूसरे बेटे हैरी और पत्नी मेगन को प्यार भेजा। वे शाही परिवार से दूर जरूर हैं, लेकिन जहां भी रहें खुश रहें।

बदली शाही परिवार की उपाधियां
किंग चार्ल्स-III के बेटे प्रिंस विलियम अब प्रिंस ऑफ वेल्स कहलाएंगे। महारानी एलिजाबेथ II ने 1969 में अपने बेटे चार्ल्स को प्रिंस ऑफ वेल्स का ताज पहनाया था। उन्हें अपने पिता की ड्यूक ऑफ कॉर्नवाल की उपाधि विरासत में मिली है। विलियम और केट को अब ड्यूक एंड डचेस (Duchess) ऑफ कॉर्नवाल एंड कैम्ब्रिज की उपाधि दी गई है। यही नहीं चार्ल्स की पत्नी कैमिला भी अब एक नई उपाधि से जानी जाएंगी। वह क्वीन कंसोर्ट कही जाएंगी।

क्वीन एलिजाबेथ के निधन के बाद प्रिंस हैरी और मेगन मर्केल के बेटे आर्ची माउंटबेटन-विंडसर तकनीकी रूप से अब एक राजकुमार हैं। ‘द गार्जियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, हैरी-मेगन की बेटी लिलिबेट ‘लिली’ माउंटबेटन-विंडसर भी अपने दादा चार्ल्स के सिंहासन पर बैठने के बाद राजकुमारी बनने की हकदार हैं।

आज औपचारिक रूप से राजा घोषित होंगे चार्ल्स
भारतीय समय के मुताबिक दोपहर 2.30 बजे सेंट जेम्स पैलेस में एक्सेशन काउंसिल की बैठक में किंग चार्ल्स को आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन के नए सम्राट के रूप में घोषित किया जाएगा। हालांकि, किंग बनने के बाद भी चार्ल्स को कोरोनेशन यानी ताजपोशी के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। ताजपोशी शाही परंपराओं के मुताबिक होगी जिसकी तैयारियों में वक्त लगेगा।

इससे पहले क्वीन एलिजाबेथ को भी करीब 16 महीने इंतजार करना पड़ा था। फरवरी 1952 में उनके पिता का निधन हुआ। इसके तुरंत बाद वो महारानी बन गई थीं, लेकिन जून 1953 में उनकी ताजपोशी हुई थी।

एलिजाबेथ-II को दिया गया गन सैल्यूट; बकिंघम पैलेस के बाहर भारी भीड़, महारानी को याद कर लोग रो पड़े

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-II के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार की तैयारियों के बीच शाही बदलाव भी हो रहे हैं। महारानी को श्रद्धांजलि देने के लिए बकिंघम पैलेस के बाहर बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। किंग चार्ल्स ने यहां लोगों से मुलाकात की। इस दौरान लोग रोते देखे गए। इससे पहले अंतिम संस्कार से जुड़ी परंपराओं के तहत दिवंगत महारानी को शुक्रवार को शाही गन सैल्यूट दिया गया। क्वीन 96 साल की थीं, इसलिए उन्हें हर साल के हिसाब से 96 राउंड की फायरिंग के साथ गन सैल्यूट दिया गया।

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को निधन हो गया है। वह पिछले कुछ वक्त से बीमार थीं। 96 साल की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय फिलहाल स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में थीं। यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। वे सबसे लंबे समय तक (70 साल) ब्रिटेन की क्वीन रहीं। पढ़ें पूरी खबर…

25 की उम्र में संभाला था शासन

महारानी एलिजाबेथ II ने 6 फरवरी 1952 को पिता किंग जॉर्ज की मौत के बाद ब्रिटेन का शासन संभाला। तब उनकी उम्र सिर्फ 25 साल थी। तब से 70 साल तक उन्होंने शासन किया। उन्होंने 2 दिन पहले ‌‌ब्रिटेन की 15वीं PM लिज ट्रस को शपथ दिलाई थी। वे ब्रिटेन के इतिहास में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली पहली महिला सम्राट हैं।

15 देशों की सिंबॉलिक महारानी थीं एलिजाबेथ-II, रोज मिलता था सरकारी काम का ब्योरा

एलिजाबेथ सिर्फ ब्रिटेन ही नहीं, 14 अन्य आजाद देशों की भी महारानी थीं। ये सभी देश कभी न कभी ब्रिटिश हुकूमत के अधीन रहे थे। आखिर क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय सिर्फ दिखावे की महारानी क्यों थीं? ब्रिटेन और बाहर के देशों में उनके पास क्या-क्या शक्तियां थीं? पढ़ें पूरी खबर…

3 बार भारत आईं एलिजाबेथ-II:रिपब्लिक डे पर शाही मेहमान बनीं

एलिजाबेथ-II तीन बार भारत आईं। 1961, 1983 और 1997 में वो भारत की शाही मेहमान बनी थीं। 1961 में भारत के गणतंत्र दिवस की परेड में भी शामिल हुई थीं। उनके साथ प्रिंस फिलिप भी थे। परेड के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के साथ बग्घी में सवार होकर वापस लौटते हुए। पढ़ें पूरी खबर…

 

 


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