नजूल भूमि पर कब्जा धारकों को अधिकार देगी सरकार:- बंशीधर भगत

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नजूल नीति के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर उत्तराखंड में नजूल भूमि पर काबिज हजारों परिवारों को इसका लाभ मिलेगा और इस भूमि को अब वह फ्री होल्ड करा सकते हैं।उत्तराखंड के नैनीताल, उधम सिंह नगर,हरिद्वार, देहरादून और चंपावत जिलों के लोगो को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अधिक राहत मिलेगी। शहरी विकास एवं आवास मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि नजूल भूमि पर काबिज परिवारों को सरकार भूमिधर अधिकार देगी,जिसके लिए वह कैबिनेट की 6 दिसंबर को होने वाली बैठक में प्रस्ताव लाएंगे।फिर विधानसभा सत्र में नजूल भूमि के संबंध में विधेयक लाया जाएगा।
गौरतलब है कि सरकार के कब्जे वाली ऐसी भूमि जिसका उल्लेख राजस्व अभिलेखों में नहीं है, लेकिन स्थानीय निकायों के पास उसका ब्यौरा है,नजूल भूमि कहलाती है।
मालूम हो कि 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नजूल नीति में संशोधन कर नई नीति लाने का निर्णय किया था और कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी थी।लेकिन हाईकोर्ट ने 2009 की नजूल नीति को भी निरस्त करने के आदेश दे दिए थे जिस कारण नई नीति के संबंध में भी शासनादेश नहीं हो पाया। शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के प्रयासों से देवस्थानम बोर्ड के बाद नजूल भूमि का मामला भी हल हो गया है। इससे साफ है कि प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखती है।


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