जानें कौन हैं बलवीर गिरि, जिन्हें महंत नरेन्द्र गिरि बना गये अपना उतराधिकारी

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हरिद्वार/प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच चल रही है। वहीं आज उनके पार्थिव शरीर को समाधि देने की तैयारियां भी अंतिम पड़ाव पर हैं। पोस्टमार्टम के बाद उनके शव को समाधि स्थल की ओर ले जाया जा रहा है। बता दें कि महंत नरेन्द्र गिरि का एक कथित सुसाइड नोट मिला है जिसमें उन्होंने बलवीर गिरी को अपना उत्तराधिकारी बनाने की बात लिखी है। साथ ही सभी अखाड़े के पदाधिकारियों को उनका सहयोग करने को कहा है। मूलरूप से उत्तराखण्ड के रहने वाले बलवीर गिरि लगभग 30 सालों से महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य हैं। बलवीर हरिद्वार में रहकर वहां के मठ को संभाल रहे थे। आनंद गिरि और बलवीर गिरि किसी जमाने में नरेंद्र गिरि के करीबी माना जाते थे। अब महंत नरेन्द्र गिरि ने सुसाइड नोट में जहां एक शिष्य आनंद गिरि को आत्महत्या का जिम्मेदार ठहाराया है, तो वहीं दूसरे शिष्य बलवीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी बनाया है। बताया जाता है कि बलवीर गिरि 2005 में संत बने थे। बलवीर गिरि फिलहाल बाघंबरी मठ में मौजूद हैं। बता दें कि नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि प्रिय बलवीर गिरि मठ मंदिर की व्यवस्था प्रयास करना जिस तरह मैंने किया उसी तरह करना। आशुतोष गिरि एवं गद्दी के सभी महात्मा का सहयोग करना। परमपूज्य हरिगोविंद गिरि से निवेदन है कि गद्दी का महंत बलवीर गिरि को बनाना। महंत रविंद्र पुरी जी आपने हमेशा साथ दिया, मेरे मरने के बाद बलवीर गिरि का ध्यान रखिएगा।


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